सड़क हादसे कम करने के लिए बिहार सरकार मालवाहक चालकों को निःशुल्क प्रशिक्षण देगी
बिहार में सड़क दुर्घटनाओं में वर्ष 2016 में 4901 व 2017 में 5429 लोगों की मौत हुई है. एनएच पर 28.2 फीसदी, स्टेट हाईवे पर 25.2 फीसदी व अन्य मार्ग पर 46.6 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं.
ऐसा आकलन है कि 78 से 80 फीसदी सड़क हादसे ड्राइवर की गलती से होते हैं. ऐसे में हादसों में कमी लाने के लिए परिवहन विभाग ने भारी मालवाहक चालकों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है.
औरंगाबाद स्थित चालक प्रशिक्षण सह शोध संस्थान में दो हजार चालकों को संस्थान में एक माह रख कर प्रशिक्षण दिया जायेगा. इस पर विभाग डेढ़ करोड़ खर्च करेगा. बिहार में सड़क दुर्घटनाओं में वर्ष 2016 में 4901 व 2017 में 5429 लोगों की मौत हुई है. एनएच पर 28.2 फीसदी, स्टेट हाईवे पर 25.2 फीसदी व अन्य मार्ग पर 46.6 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं.
सड़क हादसों में लगभग 55 फीसदी दुर्घटना का कारण गति सीमा का अनुपालन नहीं किया जाना है. ओवरलोडिंग से 17 फीसदी और ओवर स्पीड से 25 फीसदी दुर्घटनाएं होती हैं. बिहार में सबसे अधिक दुर्घटना पटना जिले में होती है. यहां हर साल करीब 500 लोगों की मौत हो रही है.
प्रस्ताव को मिली स्वीकृति
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सड़क सुरक्षा परिषद की समीक्षा बैठक में कार्यपालक समिति के समक्ष रखे गये प्रस्ताव को समिति ने स्वीकृत किया है. विभाग ने प्रस्ताव में वाहन मालिकों पर अंकुश लगाने के लिए जुर्माना वसूलने हेतु हैंड हेल्ड डिवाइस, स्पीड गन, सेमुलेटर आदि उपस्करों की खरीद का निर्णय लिया है. इस पर लगभग सात करोड़ 30 लाख रुपये खर्च का अनुमान है.
प्रत्येक जिला सड़क सुरक्षा समिति व सभी पुलिस अधीक्षकों को एक-एक लाख रुपये व पटना यातायात पुलिस को 10 लाख रुपये का आवंटन प्रस्तावित है. ई-चालान हेतु दो सौ हैंड हेल्ड डिवाइस व पांच स्पीड गन की खरीद पर 50-50 लाख रुपये खर्च होंगे. बस पड़ाव को आधुनिक व सुरक्षित बनाने पर 20 लाख खर्च का प्रस्ताव है. सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में कार्यपालक समिति द्वारा बड़े जिले को एक लाख की जगह दो लाख आवंटन का निर्णय किया गया.
मददगार को मिलेगी प्राेत्साहन राशि : सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्ति को निजी वाहन से अस्पताल पहुंचानेवाले मददगार व्यक्ति को प्रोत्साहन राशि मिलेगी. सहायता करनेवाले व्यक्तियों के हितों की रक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों को सभी पुलिस थाने की दीवारों पर अंकित किया जायेगा, ताकि पुलिस वाले मददगार व्यक्ति को किसी तरह से परेशान नहीं करें. सहायता करनेवाले के मन में भी किसी तरह की हिचकिचाहट न हो.
[jetpack_subscription_form title="Subscribe to Marginalised.in" subscribe_text=" Enter your email address to subscribe and receive notifications of Latest news updates by email."]