मंत्री मंजू वर्मा और ब्रजेश ठाकुर ने की 17 बार फोन पर बात की थी
मंत्री मंजू वर्मा के पति व बालिका गृह यौन शोषण के आरोपी ब्रजेश ठाकुर के फोन कॉल डिटेल्स से बड़ा खुलासा हुआ है. पता चला है कि मंत्री व उनके पति की ब्रजेश से 17 बार बात हुई है.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीडऩ कांड में बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा की मुश्किलें बढऩे वाली हैं. बालिका गृह में रहने वाली 34 नाबालिग बच्चियों के यौन उत्पीडऩ के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा लगातार संपर्क में रहे हैं. विगत जनवरी से लेकर 1 जून के बीच ब्रजेश ठाकुर के साथ मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा की एक-दो बार नहीं बल्कि कुल 17 बार बातचीत हुई है. इस बाबत मंत्री ने सफाई दी कि राजनीतिक जीवन में रहने के कारण कोई भी उन्हें फोन कर सकता है.
ब्रजेश से संपर्क का ख्ुालासा
सीबीआइ ने ब्रजेश ठाकुर के तीन मोबाइल नंबरों के कॉल्स डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच की है. इस जांच में पाया गया कि मंजू वर्मा के पति ब्रजेश ठाकुर के लगातार संपर्क में रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने ब्रजेश ठाकुर के साथ कई बार दिल्ली यात्रा भी की थी. सीबीआइ अब उन ट्रैवेल एजेंसियों की जांच में जुट गई है जिनके माध्यम से दोनों के टिकट बुक कराए गए थे.
ड्राइवर राजू ने खोले अहम राज
सूत्र बताते हैं कि सीबीआइ की एक टीम ने विगत सोमवार को मुजफ्फरपुर में ही ब्रजेश ठाकुर के ड्राइवर राजू से करीब एक घंटे तक पूछताछ की है. राजू ने भी स्वीकार किया है कि मंजू वर्मा के पति का ब्रजेश ठाकुर से लगातार मिलना-जुलना होता था. राजू से पूछताछ में सीबीआइ को यह भी पता चला है कि विगत 2 जून को अपनी गिरफ्तारी के बाद ब्रजेश ठाकुर ने अपना मोबाइल फोन अपने किसी विश्वासपात्र को दे दिया था.
मोबाइल की खोज में जुटी पुलिस
ब्रजेश के जेल जाने के बाद भी मुजफ्फरपुर पुलिस को उसका मोबाइल फोन हाथ नहीं लगा सका है. सीबीआइ की टीम अब ब्रजेश ठाकुर के मोबाइल फोन की तलाश भी तेज कर दी है. ब्यूरो के अधिकारियों का मानना है कि ब्रजेश के मोबाइल सेट की जांच से कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.
सीबीआइ ने जांच की जिम्मेदारी संभालते ही ब्रजेश के तीन मोबाइल फोन नंबरों की सीडीआर जांच शुरू की थी. जिसमें मंजू वर्मा के पति और ब्रजेश ठाकुर के संबंधों को पता चला है.
इस बीच, सीबीआइ की टीम ने ब्रजेश की निकटतम सहयोगी रही मधु की भी तलाश तेज कर दी है. सीबीआइ ने राजू से मधु के संबंध में भी कई तरह की जानकारियां ली हैं. राजू को यह ताकीद कर दिया गया है कि वह बिना अनुमति मुजफ्फरपुर से बाहर न जाए. उसे किसी भी समय फिर से पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.
मंत्री की सफाई: ब्रजेश का फोन आया तो हुई बात
समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा सफाई देते हुए कहा कि हम राजनीतिक जीवन में हैं तो कोई फोन करेगा तो बात होगी ही. यह बात हमने पहले भी स्वीकार किया कि ब्रजेश से फोन पर कई बार बात हुई है.
मंत्री ने कहा कि मेरी जगह मेरे पति भी फोन रिसीव करते थे. वैसे भी वे (पति) राजनीतिक वर्कर हैं. किसी का फोन आने पर उससे बात करना कोई अपराध नहीं है. इससे पहले ब्रजेश के चरित्र के बारे में ज्ञात नहीं था. वे और उनके पति किसी भी जांच के लिए तैयार हैं.
सीबीआइ और भी कॉल डिटेल निकाले. एजेंसी उनके विभाग के और अफसरों का कॉल डिटेल निकालेगी तो उनका भी नाम आएगा. यह भी जांच होनी चाहिए कि और किन-किन से ब्रजेश की बात होती रही है. चूंकि ब्रजेश ने समाज कल्याण विभाग का ही काम लिया था, इसलिए कामकाज के संबंध में बातचीत होना लाजिमी है. मंत्री ने कहा कि कोई यह साबित करे कि उनके पति क्या शेल्टर होम में जाते थे या इस बात का कोई साक्ष्य है कि बच्चियों से दुष्कर्म के साथ उनके पति का कोई सरोकार है. ब्रजेश ठाकुर का चेहरा इस कांड के बाद उजागर हुआ है.
मुश्किल में मंत्री
सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहा था कि अगर कुछ भी साक्ष्य सामने आता है तो वो मंत्री ही क्यों ना हों, उनपर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अब दोनों के बीच संपर्क का पता लगने पर यह मामला तूल पकड़ सकता है.
भाजपा के दो वरिष्ठ मंत्रियों ने भी कहा था कि मंजू वर्मा को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. इससे पहले बाल कल्याण पदाधिकारी रवि रौशन की पत्नी ने आरोप लगाया था कि मंजू वर्मा के पति बालिका गृह आते थे और सबको नीचे में छोड़ खुद लड़कियों के पास जाते थे. उनपर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? रवि रौशन की पत्नी के इस बयान के बाद विपक्ष ने मंजू वर्मा से इस्तीफे की मांग की थी और मंत्री नाराज हो गई थीं और कहा था कि इस्तीफा नहीं दूंगी.
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