हर साल करीब 80 लाख मीट्रिक टन प्लास्टिक महासागरों में जा रहा है
दुनियाभर के महासागर कूड़ेदान में तब्दील हो रहे हैं और यह सब कचरा सामुद्री परिस्थितिकी पर गंभीर प्रभाव छोड़ रहा है. इंटरनैशनल कोस्टल क्लीनअप इनिशिएटिव ( International Coastal Clean Up Initiative) ने यह पता लगाया है कि महज 24 घंटे के अंदर दुनियाभर के महासागरों में कितना कचरा फेंका जा रहा है और इसका जवाब हैरान करने वाला है.
अकसर जूस, नारियल पानी या अन्य पेय पदार्थ पीने के बाद स्ट्रॉ को फेंक दिया जाता है लेकिन महज 24 घंटे में समुद्री तटों से इतने स्ट्रॉ इकट्ठे किए गए हैं कि इन्हें मिलाकर करीब 243 किलोमीटर लंबाई वाला स्ट्रॉ बन जाए. इन किनारों से जितनी खाली प्लास्टिक की बोतलें मिली हैं उनसे 5 स्विमिंग पूल भर जाएंगे.
सिगरेट सिर्फ हमारे लिए हानिकारक नहीं है बल्कि यह समुद्रों को भी चुनौती दे रहा है. कुल कचरे में करीब 24 लाख सिगरेट बट मिले हैं. अगर इन्हें एक साथ रखा जाए तो यह 42.195 किलोमीटर की दूरी तक फैल जाएंगे, जितने में ओलिंपिक मैराथन दौड़ हो जाए. इसके अलावा 17 लाख फूड रैपर, 15 लाख प्लास्टिक की बोतलें, 15 लाख खाने-पीने का सामान और प्लास्टिक बैग, 10 लाख 90 हजार प्लास्टिक बोतलों के ढक्कन भी मिले हैं.
चौंकाने वाली स्थिति
हर साल करीब 80 लाख मीट्रिक टन प्लास्टिक महासागरों में जा रहा है. बरमुडा में एक ऐक्टिविस्ट को समुद्र तट पर 6 सीटर गोल्फ-कार मिली थी, तो वहीं फिनलैंड में लोगों को पूरी की पूरी गाड़ी मिली थी. ब्रुनेई में वॉशिंग मशीन और जमैका में पूरा का पूरा बेड. समुद्री कचरे से सबसे ज्यादा असर समुद्री जीवों की जनसंख्या पर पड़ रहा है.
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