अयोध्या के मसले पर बिहार में सियासत गरमाई; मांझी का नीतीश की चुप्पी को लेकर बड़ा सवाल
पटना: कल अयोध्या में साधुओं, भाजपा, विहिप, शिव सेना के समर्थकों के विशाल जमावड़े ने अयोध्या में राम मंदिर के मसले को भारतीय राजनीति के केंद्र में लाने का काम किया है. चुनाव नजदीक आ रहे हैं और ऐसे में संघ को फिर से राम मंदिर का मुद्दा याद आने लगा है. उसे कहीं न कहीं भय है कि अगर विकास के मुद्दे पर आगामी लोक सभा चुनाव लड़ा गया, तो कहीं अप्रत्याशित परिणाम न सामने आ जाएँ. ऐसे में संघ केंद्र के एनडीए सरकार पर दबाब बनाने में लगा है कि अध्यादेश के जरिये अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ़ किया जाए. इस मुद्दे पर बिहार की सियासत में भी उबाल आ गया है.
महागठबंधन के घटक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि अयोघ्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए अगर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अध्यादेश लाती है तो वे उसका विरोध करेंगे. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल करते हुए मांझी ने कहा कि इससे साबित होता है कि भाजपा प्रायोजित अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का वे कहीं ना कहीं समर्थन करते हैं.
उन्होंने सवाल किया कि क्या नीतीश कुमार राम मंदिर के निर्माण को लेकर केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाने के पक्ष में हैं? मांझी ने कहा कि राम मंदिर के नाम पर भाजपा देश को जलाने की साजिश रच रही है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौन धारण किए हुए हैं. आखिर वे कब तक अपनी कुर्सी बचाने के लिए कब तक खामोश रहेंगे? नीतीश कुमार को सिर्फ अपनी कुर्सी से प्यार है, अल्पसंख्यक हितों से उन्हें कोई लेना-देना नहीं नहीं है.
मांझी ने कहा कि मंदिर-मस्जिद का मामला न्यायालय में लंबित है. ऐसी स्थिति में न्यायालय पर किसी तरह का दबाव बनाना देश के संविधान के लिए ख़तरा है. न्यायालय के फैसले के बीच इस मामले को लेकर किसी तरह की टिप्पणी करना संविधान पर अंगुली उठाने के बराबर है.
मांझी ने मंदिर मामले पर भाजपा की राजनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज देश के युवा रोज़गार चाहते हैं, दलित उत्पीड़न में चौगुना बढोतरी हुई है. इन गंभीर मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए अब मंदिर मुद्दे को तूल दिया जा रहा है.
समागम से अयोध्या समेत देश भर के लोग सहमे हुए हैं : राजद
अयोध्या में राम मंदिर के नाम पर विश्व हिन्दू परिषद, शिवसेना एवं साधु-संतों के समागम की आलोचना करते हुए राजद ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा के इशारे पर इस मुद्दे को गरमाने की कोशिश की जा रही है. राजद के प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक डॉ. रामानुज प्रसाद एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्य भाई अरुण कुमार ने कहा कि इस समागम से अयोध्या समेत देश भर के लोग सहमे हुए हैं. केंद्र सरकार राजनीति के तहत लोगों का ध्यान भूख, भय और भ्रष्टाचार से हटाना चाह रही है. भाजपा की कोशिश है कि देश में अस्थिरता का माहौल बने, ताकि उसे चुनाव जीतने में मदद मिले.
राजद नेताओं ने अयोध्या में सेना की तैनाती की मांग करते हुए भाजपा से सवाल किया कि अयोध्या का मुद्दा चुनाव के पहले ही क्यों उठाया जाता है? बाकी दिनों में भाजपा को राम की याद क्यों नहीं आती? राजद के मुताबिक राफेल घोटाला, नोटबंदी एवं जीएसटी से हुए नुकसान से जनता का ध्यान भटकाने के लिए ही अयोध्या के मुद्दे को उछाला जा रहा है. देश में छह दिसंबर 1992 का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है.
रविशंकर प्रसाद बोले: अयोध्या में जरूर बनेगा राम मंदिर
उधर, केंद्रीय मंत्री व वरीय भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर उनका वादा है. वहां राम मंदिर जरूर बनेगा. इसके लिए वे संवैधानिक रूप से रास्ता निकालेंगे.
मंदिर निर्माण को ले अध्यादेश लाएगी सरकार
बिहार के कृषि मंत्री एवं भाजपा नेता डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि देश के करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र श्रीरामचंद्र की जन्मस्थली अयोध्या में मंदिर का निर्माण शीघ्र कराया जाएगा. इसके लिए मोदी सरकार अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक न्यायालय में मामला लंबित रखा गया, जिससे हिंदू समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है. अयोध्या में स्थिति बिल्कुल सामान्य है; वहां का मुस्लिम समाज भी मंदिर निर्माण के पक्ष में है. इसलिए दोनों की बातों को ध्यान में रखकर मोदी सरकार अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है.
राजग के गैर भाजपा दलों ने कहा: न्यायालय का फैसला मान्य
भाजपा से अलग राजग के गैर भाजपा दलों ने न्यायालय के फैसले का सममान करने की बात कही है. जदयू के डॉ. सुनील कुमार सिंह ने कहा कि जदयू न्यायालय के फैसले का सम्मान करेगा. लोजपा संसदीय दल के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी कहा कि राजग के घटक दलों की सहमति से अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण संभव होगा. चिराग ने कहा कि प्रस्तावित राम मंदिर के संदर्भ में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से उनकी बात हुई है. उन्होंने आश्वस्त किया है कि न्यायालय का फैसला सर्वमान्य होगा. अभी यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, जिस पर जल्द ही सुनवाई होगी.
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