भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कवायद; बायोमेट्रिक मशीनें पहचान करेंगी, तभी राशन मिल सकेगा
पटना : राज्य में आठ करोड़ 57 लाख उपभोक्ताओं को राशन दुकानों से सस्ती दर पर अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है. पर राशान के अनाज की कालाबाजारी से निपटना एक चुनौती बनी हुई है. ऐसे में अधिक से अधिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है. सूचना भवन में आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस में खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री ने कहा.
कालाबाजारी रोकने के लिए 55 हजार राशन दुकानों में जनवरी के अंतिम सप्ताह से प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन लगाने का काम शुरू हो जायेगा. बायोमेट्रिक मशीन से जब पहचान सिद्ध होगी, तभी राशन मिल सकेगा. ऐसे में दुसरा व्यक्ति राशन नहीं ले सकेगा. ज्ञात हो कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2014 लागू करने वाला बिहार पहला राज्य है. खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री ने कहा कि आरटीपीएस के तहत प्राप्त आवेदनों में से चार लाख नये राशन कार्ड जारी किये गये हैं. दो लाख 22 हजार अपात्र राशन कार्ड रद्द कर दिये गये हैं.
उन्होंने कहा कि इस माह के अंत तक अतिरिक्त सभी 13 हजार राशन दुकानों को लाइसेंस जारी कर दिया जायेगा ताकि उपभोक्ताओं को राशन लेने के लिए दूर नहीं जाना पड़े. धान खरीद का 30 लाख टन लक्ष्य को पूरा किया जायेगा. अब तक तीन लाख किसानों ने निबंधन कराया है.
मंत्री ने कहा कि कालाबाजारी रोकने के लिए अनाज ढोने वाले सभी वाहन में जीपीएस लगये गये हैं. जनवरी के अंत में राशन दुकानों में मशीन लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड में 55 पीओएस मशीन के माध्यम से 21 हजार 44 परिवारों को अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है.
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