बक्सर: महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर जीतन राम मांझी और वृषण पटेल ने बड़ा बयान दिया था कि कांग्रेस और आरजेडी हमें कमजोर समझने की भूल न करे. हमारे ही बदौलत बिहार में महागठबंधन सभी उपचुनाव जीती है. रालोसपा को चार सीट देने की खबर के बाद हम की चिंता है कि उन्हें भी अधिक से अधिक सीट मिले.
ऐसे में महागठबंधन के सबसे बड़े घटक राजद पर दबाब बनाने की कोशिश जीतन राम मांझी कर रहे हैं. पर पिछले विधान सभा चुनाव में हम पार्टी की दुर्गति उनके दावों को कमजोर करती है, जब 21 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद हम को सिर्फ एक सीट पर सफलता हासिल हो सकी. खुद जीतन राम मांझी मखदूम पुर विधानसभा सीट पर राजद के साधारण कार्यकर्ता सूबेदार दास से मात खा गये. ऐसे में जीतन राम मांझी के अधिक सीटों की मांग और अपना महत्त्व जताने की बात पर कांग्रेस विधायक मुन्ना तिवारी ने हमला किया है.
कांग्रेस विधायक मुन्ना तिवारी उर्फ संजय तिवारी ने कहा कि “मांझी जी महागठबंधन के नेता हैं और हम उनका सम्मान करते हैं. पर मै जरुर कहूँगा कि कांग्रेस और राजद बिहार में बड़ी पार्टी है और वो जो कह रहे हैं कि उनके वोट बैंक से हम चुनाव जीते हैं, तो मै ये जरुर कहना चाहूँगा कि अगर वोट ट्रान्सफर करने की क्षमता है उनमे, तो वे महागठबंधन में शामिल क्यों हुए? अकेले चुनाव लड़ कर देख लें, पता लगता कि मांझी जी की क्या औकात है. जिस समुदाय से वे आते हैं, उसका वोट ट्रांस्फर करने की क्षमता उनमे नहीं हैं. उसके नेता लालू जी हैं. उस वोट को ट्रान्सफर करने की क्षमता लालू जी रखते हैं. इसलिए जो सीट उन्हें दिया जा रहा है, उसमे उन्हें सब्र करना चाहिये.”
फिलहाल राजनीतिक विश्लेषक ये मान कर चल रहे हैं कि महागठबंधन में हम को अधिक से अधिक दो सीटें दी जायेंगी.
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